88 घोड़ें बेचकर सोना - nishchith hona
नमस्कार मित्र!
हमारा दिया हुआ अर्थ भी बिलकुल सही है-
अलग-अलग वाक्यों में इसका अलग-अलग अर्थ निकलता है; जैसे-
1. बेटी की शादी करके आज कितने दिनों के बाद नेहा के पिताजी घोड़े बेचकर सो रहे हैं। (यहाँ अर्थ होगा निश्चिंत होना)
२. अरे! उठ घोड़े बेचकर सो गया है क्या? (यहाँ इसका अर्थ होगा गहरी नींद में सोना)
आपको हमने बताया है कि हर मुहावरे का अर्थ भिन्न-भिन्न निकल सकता है। आपका दिया हुआ अर्थ भी सही है और हमारा दिया हुआ अर्थ भी सही है।