भाव स्पष्ट कीजिए –
“या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।”

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
इसका अर्थ है कि उड़ते-उड़ते में क्षितिज पर पहुँचा जाऊँगा। यदि क्षितिज में नहीं पहुँच पाऊँगा, तो मेरी साँस फूल जाएगी और मैं शायद मृत्यु को प्राप्त हो जाऊँंगा।

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i dunno the answer
 
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