Ambar panghat main dubi rahi, taraghat usha nagri.. 
Which alankar here and why

मित्र उपरोक्त काव्य पंक्ति में रूपक अलंकार है। यहाँ 'अंबर' उपमेय में 'पनघट' उपमान का आरोप किया गया है। 'तारे' उपमेय में 'घट' उपमान का आरोप तथा 'उषा' उपमेय में 'नागरी' उपमान का आरोप किया गया है। 

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