anuched on jab hum picnic pur gaye

हमें अपनें विद्यालय से प्रतापगढ़ फार्म जाने का मौका मिला। हम यह बहुत अच्छा पिकनिक स्थल है। मेरी कक्षा के लगभग सभी विद्यार्थी पिकनिक में गए थे। 10.30 बजे हम वहाँ पहुँचे। वह फार्म खेतों के बीच में स्थिति था। उस समय गेहूँ की फसल उगी हुई थी। जिधर नज़र डालो वहाँ गेहूँ ही गेहूँ थे। ऐसा हमने पहली बार देखा था। हमारे लिए यह नज़ारा अनोखा। फार्म में हमारा स्वागत बड़े सुंदर ढंग से किया गया। वहाँ पर भोजन की बड़ी अच्छी व्यवस्था थी। हमें उसके अंदर लगा मानो पूरा एक गाँव बसा हुआ है। उसमें अलग-अलग तरह के व्यंजन तथा खेलने के विभिन्न खेल विद्यमान थे। यह ऐसी पिकनिक थी, जहाँ हमें भोजन-पानी के लिए चिंता नहीं करनी पड़ी। हमने मज़े से सारे खेल-खेले, ऊँट, ऊँटगाड़ी, बैलगाड़ी, ट्रेक्टर आदि की सवारी की, ट्यूबवेल में नहाए, खेतों में घूमे, मिट्टी के बर्तन बनाए, मेंहदी लगाई, लोक संगीत में नाच-गाना किया, पारंपारिक तरीके से पका भोजन खाया। यह पिकनिक हमें सदैव याद रहेगी। 

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