Conversation between mother and daughter about cleanliness only inside the house or outside house also

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-

माँ- हे ईश्वर!​ स्नेहा तुमने अपने कमरे का क्या हाल बना रखा है?​ 

स्नेहा- मैं कुछ काम कर रही थी। अभी ठीक कर देती हूँ।

माँ- अरे! यह क्या कर रही हो?​ खिड़की से बाहर इसे क्यों फेंक रही हो?​

स्नेहा- माँ! यह तो कागज़ के टुकड़े हैं।

माँ- बेटा! जिस तरह से घर की सफाई रखना जरूरी है, वैसे ही अपने बाहर की सफाई रखना भी जरूरी है। हमारी ज़िम्मेदारी मात्र अपने घर तक सीमित नहीं है। हमें अपने देश तथा उसके स्थानों  की भी साफ-सफाई रखनी चाहिए। अगर सभी बाहर कूड़ा फेंकते रहेंगे, तो हमारा देश कूड़ादान बन जाएगा।

स्नेहा- मैं अपनी गलती के लिए शर्मिंदा हूँ। आज से ध्यान रखूँगी।

  • 14
What are you looking for?