Dadi aur pote le beech samvad........
प्रिय मित्र,
आप किस विषय पर संवाद माँग रहे हैं। नीचे आपने वाक पटुता लिखा है मगर वह संवाद का विषय नहीं लगा रहा है। हम अपनी इच्छाानुसार विषय पर बनाकर दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से स्वयं बना सकते हैं। आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
मोहन - रूको भाई! आज तो तुम हवा से बातें कर रहे हो। दाल में कुछ काला लग रहा है।
राम - भाई! दाल में काला नहीं है, यहाँ तो पूरी दाल काली है। थोड़ा समय दो बताता हूँ।
मोहन - मतलब! तब तक जान नहीं छोडूँगा, जब तक बताओगे नहीं।
राम - भाई! समझा करो। जाने दो। वरना पहाड़ टूट पडे़गा।
मोहन - क्यों?
राम - अच्छा! बताता हूँ। मैंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहाँ जा रहा था।
मोहन - यह मारा न मैदान। दिल बाग-बाग हो गया। जाओ-जाओ। हम यहीं आँखें बिछाए बैठे हैं।
राम - आकर मिलता हूँ।
आशा करते हैं कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
धन्यवाद।
आप किस विषय पर संवाद माँग रहे हैं। नीचे आपने वाक पटुता लिखा है मगर वह संवाद का विषय नहीं लगा रहा है। हम अपनी इच्छाानुसार विषय पर बनाकर दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से स्वयं बना सकते हैं। आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
मोहन - रूको भाई! आज तो तुम हवा से बातें कर रहे हो। दाल में कुछ काला लग रहा है।
राम - भाई! दाल में काला नहीं है, यहाँ तो पूरी दाल काली है। थोड़ा समय दो बताता हूँ।
मोहन - मतलब! तब तक जान नहीं छोडूँगा, जब तक बताओगे नहीं।
राम - भाई! समझा करो। जाने दो। वरना पहाड़ टूट पडे़गा।
मोहन - क्यों?
राम - अच्छा! बताता हूँ। मैंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहाँ जा रहा था।
मोहन - यह मारा न मैदान। दिल बाग-बाग हो गया। जाओ-जाओ। हम यहीं आँखें बिछाए बैठे हैं।
राम - आकर मिलता हूँ।
आशा करते हैं कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
धन्यवाद।