dialogue in hindi between two person on corruption in india

सुनील: "नमस्ते मित्र, कैसे हो?"

सुशील: "अरे क्या बतायें मित्र, आजकल ईमानदारी का जमाना नहीं है।"

सुनील: "क्यों, क्या हुआ?"

सुशील: "तुम तो जानते हो कि मेरा बेटा पढ़ने में कितना होशियार है।"

सुनील: "हाँ, ये तो सच है।"

सुशील: "उसने इतनी मेहनत करके डिग्री प्राप्त करी है, पर कोई उसे नौकरी देने को तैयार नहीं है।"

सुनील: "क्यों?"

सुशील: "सब जगह सिफारिश की आवश्यकता है, यदि कोई बड़ा वी.आई.पी उसकी सिफारिश करेगा तभी उसे नौकरी मिल सकती हैं।"

सुनील: "ये तो भ्रष्टाचार है।"

सुशील: "इसीलिए तो कह रहा हूँ कि आजकल ईमानदारी से काम नहीं चलता है।"

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सुनील: "नमस्ते मित्र, कैसे हो?"

सुशील: "अरे क्या बतायें मित्र, आजकल ईमानदारी का जमाना नहीं है।"

सुनील: "क्यों, क्या हुआ?"

सुशील: "तुम तो जानते हो कि मेरा बेटा पढ़ने में कितना होशियार है।"

सुनील: "हाँ, ये तो सच है।"

सुशील: "उसने इतनी मेहनत करके डिग्री प्राप्त करी है, पर कोई उसे नौकरी देने को तैयार नहीं है।"

सुनील: "क्यों?"

सुशील: "सब जगह सिफारिश की आवश्यकता है, यदि कोई बड़ा वी.आई.पी उसकी सिफारिश करेगा तभी उसे नौकरी मिल सकती हैं।"

सुनील: "ये तो भ्रष्टाचार है।"

सुशील: "इसीलिए तो कह रहा हूँ कि आजकल ईमानदारी से काम नहीं चलता है।"

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THIO
 
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What???
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kuhkykylli
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