explain aathishyothak alankar?
अतिशयोक्ति अलंकार :- जहाँ किसी वस्तु, पदार्थ अथवा कथन के विषय में बढ़ा-चढ़ा कर इस प्रकार कहा जाए कि लोक सीमा की हदें पार हो जाएँ, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
(बच्चे की मुसकान को इतना प्रभावी बताया गया है कि वह मृत व्यक्ति को भी जीवित कर सकती है। कवि ने इतनी बढ़ा-चढ़ाकर प्रशंसा की है कि वह लोक-सीमा की हद को पार कर गई है। अत: यह अतिशयोक्ति अंलकार का उदाहरण है।)
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
(बच्चे की मुसकान को इतना प्रभावी बताया गया है कि वह मृत व्यक्ति को भी जीवित कर सकती है। कवि ने इतनी बढ़ा-चढ़ाकर प्रशंसा की है कि वह लोक-सीमा की हद को पार कर गई है। अत: यह अतिशयोक्ति अंलकार का उदाहरण है।)