FROM THE LESSON HARIHAR KAKA, EXPLAIN THE FOURTH PARAGRAPH STARTING WITH 
​''AGAR PEHELI BAAT HOTI....'' ALSO WHAT DOES AGAR PEHELI BAAT REFER TO

अगर पहले वाली बात होती तो हरिहर काका डर जाते अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है हरिहर काका ने सोच लिया कि यह सब एक ही बार उन्हें मार दें , वह ठीक होगा; लेकिन अपनी जमीन लिखकर रमेसर की विधवा की तरह से जिंदगी में घुट घुट कर मरें, यह ठीक नहीं होगा । रमेसर​ की विधवा को बहला-फुसलाकर उसके हिस्से की जमीन रमेसर के भाइयों ने लिखवा ली शुरु में तो उसका खूब आदर-मान किया, लेकिन बुढ़ापे में उसे दोनों जून खाना देते उन्हें अखरने लगा अंत में तो उसकी वह दुर्गति हुई कि गांव के लोग देखकर सिहर जाते हरिहर काका को लगता है कि अगर रमेसर की विधवा ने अपनी जमीन नहीं लिखी होती, तो अंत समय तक लोग उसके पांव पखारते होते

मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे है। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

पहले वाली बात होती अर्थात हरिहर काका अज्ञानी होते ​। अब तक हरिहर काका अपनी मृत्यु से डर रहे थे। मनुष्य का मन जब तक ज्ञान से परिचित नहीं होता है तब तक उसे भय सताता है। मन में ज्ञान प्रकाशित होने के बाद मनुष्य को सारी चीजें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं। हरिहर काका ने सोचा कि जमीन के लिए अगर मेरी मृत्यु होनी है, तो एक बार हो जाए। इस प्रकार घुट-घुट कर जीना उचित नहीं होगा। एक बार जमीन अगर मैंने इनके नाम लिख दी, तो मेरी अवस्था भी रमेसर की विधवा की तरह हो जाएगी। आरंभ में तो खूब सेवा की जाएगी किंतु अंत में एक समय का खाना भी नहीं मिलेगा।

  • 1
What are you looking for?