Girgit ke tarah rang badalna
मित्र
इसका अर्थ है - अपनी बात पर स्थिर ना रहना/ कभी भी बदल जाना
रमेश हमारा काम ना करके गिरगिट की तरह रंग बदल रहा है।
इसका अर्थ है - अपनी बात पर स्थिर ना रहना/ कभी भी बदल जाना
रमेश हमारा काम ना करके गिरगिट की तरह रंग बदल रहा है।