सूरदास के जीवन परिचय को देते हुए उनके रचनाएं व भाष शिल्प पर प्रकाश डालिए|

उत्तर :- 

सूरदास का जन्म सन् 1478 में माना जाता है । ये कृष्णभक्ति शाखा के सबसे बड़े एवं महत्त्वपूर्ण कवि हैं । इन्होंने कृष्ण की भक्ति को आधार बनाकर अपनी रचनाएँ लिखी हैं ।ये वल्लभाचार्य के शिष्य थे । इनकी मृत्यु सन् 1583 में हुई थी ।

सूरदास के तीन ग्रंथ अधिक लोकप्रिय हैं । सूरसागर, साहित्य लहरी, सूर सारावली । श्रृंगार और वात्सल्य का चित्रण सूर के काव्य में अधिक देखने को मिलता है । वात्सल्य का जो वर्णन इनकी रचनाओं में मिलता है, वैसा अन्यत्र कहीं नहीं दिखाई पड़ता है । 
इनकी रचनाओं में भारतीय समाज का चित्रण, जहाँ खेती और पशुपालन ही मुख्य पेशा है । मानव जीवन के दैनिक क्रियाकलापों का एक अंतरंग और विशिष्ट चित्रण इनके यहाँ देखने को मिलता है । इसके अतिरिक्त इनके काव्य में स्वच्छन्दता और स्वतंत्रता का चित्रण भी है ।

सूरदास की भाषा ब्रजभाषा है । इनके काव्य की भाषा लोक जीवन की भाषा के निकट पाई जाती है । 

इस आधार पर आप अपना उत्तर लिख सकते हैं ।

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