लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?

जिस तरह मधुमक्खी धीरे-धीरे शहद इकट्ठा करती है उसी प्रकार राजप्पा ने भी सुबह से शाम तक सभी दोस्तों के घर के चक्कर काट-काट कर, एक-एक करके सारी टिकटों को एक अलबम में इकट्ठा करके रखा। दोनों के काम में काफी समानता है। इसी कारण लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से की है।

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