I am still not able to understand the difference between upma alankar and rupak alankar. Please explain again. I have exam on 3 July.

रूपक अलंकार- जहाँ रुप और गुण को बहुत अधिक समानता के कारण उपमेय में उपमान को आरोपित कर दिया जाए व उनके बीच का अंतर समाप्त कर दिया जाए, वहाँ रुपक अलंकार होता है अर्थात् जिसकी उपमा दी जाए उसको जो उपमा दी जा रही है वैसा ही मान लिया जाए।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।

इस पंक्ति में राम को रत्न रुपी धन माना है।

उपमा अंलकार- साधारण शब्दों में कहें, तो एक वस्तु की दूसरी से समता(समानता) को उपमा अंलकार कहते हैं। जैसे- सीया मुख जैसे चंद्र समाना।

इसमें सीता के मुख को चंद्रमा के सामान बताया गया है। 

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