Hi!
आपको दोनों में अंतर बताने से पहले इनके विषय में समझाना आवश्यक है; देखिए-
जिस साधन के द्वारा या जिस साधन की सहायता से क्रिया समाप्त होती है वह करण कारक कहलाता है
जैसे- रोहित ने चतुराई से सबको बचाया।
अपादान कारक में सर्वनाम का वह रूप जिससे क्रिया के द्वारा अलग होने का भाव प्रतीत होता है।
जैसे- स्वाति पेड़ से इमली तोड़ती है।
दोनों में जहाँ भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है, वह है 'से' विभक्ति के प्रयोग से क्योंकि दोनों में ही 'से' विभक्ति का प्रयोग होता है। लेकिन यदि आप इनकी परिभाषा को ध्यान से पढ़े तो आपको स्पष्ट हो जाएगा की इनमें क्या अंतर है। देखिए करण कारक में 'से' विभक्ति के प्रयोग से या सहायता से क्रिया को पूरा किया जाता है इसके विपरीत अपादान कारक में 'से' विभक्ति अलग करती है। उदाहरण के लिए देखिए-
रोहित ने चतुराई से सबको बचाया।
इस वाक्य में रोहित, चतुराई से सबको बचाता है, तो यहाँ 'से' का प्रयोग सहायता के लिए किया गया है।
स्वाति पेड़ से इमली तोड़ती है।
इस वाक्य में स्वाति पेड़ से इमली तोड़ती है अर्थात वह पेड़ से इमली को अलग कर रही है इसलिए यहाँ अलग होने का भाव है।
आपको इन पर अभ्यास करना पड़ेगा, तो आप देखेंगे आपको इन्हें पहचानने में समस्या नहीं आएगी।
मैं आशा करती हूँ कि आपकी समस्या का समाधान मिल गया होगा।
ढेरों शुभकामनाएँ !