kartivachya se bhav-vachyamein rupantaran

मित्र हम आपको उत्तर लिखकर दे रहे हैं।

कर्तृवाच्य, जिन वाक्यों में 'कर्ता' प्रधान होता है, वे कर्तृवाच्य होते हैं। इन वाक्यों में क्रिया का सीधा सम्बन्ध कर्ता से होता है; जैसे -(i) मैं पढ़ता हूँ।

भाववाच्य, जिन वाक्यों में कर्ता तथा कर्म दोनों ही प्रमुख नहीं होते, परन्तु भाव प्रधान होता है, वे भाववाच्य कहलाते हैं। इन वाक्यों में क्रिया में वचन तथा काल का प्रयोग भाव के अनुसार होता है; जैसे (i)  मेरे द्वारा पढ़ा जाता है।
• भाववाच्य में कर्म नहीं होता है। इसमें अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है।
​अन्य उदाहरण-
1. राम दौड़ नहीं पाता- राम से दौड़ा नहीं जाता।(भाववाच्य)
2. सीमा लेट गई- सीमा के द्वारा लेटा गया। (भाववाच्य)
 

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