Kranti ki aag bharat me kis prakar feli

प्रिय विद्यार्थी,

उत्तर– अँग्रेजों के अत्याचार से साधारण जनता कष्ट में थी उनकी हरकतों से राजाओं और नवाबों का सम्मान मिट्टी में मिल रहा था। उनके प्रति देश भर में गहरा आक्रोश था। यह आक्रोश 1857 की क्रांति बन कर फूट पड़ा जिसमें राजा-रंक सभी भागीदार रहे। महलों से लगी यह आग झोपड़ियों तक पहुँच के भड़क उठी। हर देशवासी चाहे वह गरीब हो या अमीर, उसके हृदय से क्रांति की यह ज्वाला निकली थी।


सादर।

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