Kripaya niche diye gaye prashn ka uttar den aur jaldi den......!!

उत्तर :- 

प्रामाणिक ग्रंथ वैसे ग्रंथ को कहते हैं, जिसके विषयवस्तु (कंटेंट) का कोई ऐतिहासिक या सामाजिक सबूत मिलता हो । अर्थात जिस ग्रंथ में लिखी बातें केवल कल्पना और मनगढंत बातें ना हों और उसमें वास्तविक बातें ही लिखी हों, वे ग्रंथ ही प्रामाणिक माने जाते हैं । स्पष्ट शब्दों में कहें तो जिस ग्रंथ का और उसकी बातों का प्रमाण कहीं मिलता हो, वे ही प्रामाणिक ग्रंथ कहे जाते हैं ।

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