​४. संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौन? यहाँ सोना और जागना किसके प्रतीक हैं? इसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - कवि कहते हैं कि जिसने भी  सांसारिक सुखों को अपना सुखी जीवन मान लिया हो और ईश्वर भक्ति को भूल कर ठाठ से अपना जीवन बिता रहे हैं, वे ही सुखी हैं। वे बिना चिंता के खाते और सोते हैं। यहाँ कवि स्वयं को दुखी मानते हैं क्योंकि वे सांसारिक सुखों को सच्चा सुख नहीं मानते। वे ईश्वर से मिलने को बेचैन हैं। इसी चिंता के कारण जागते हैं और रोते हैं। यहाँ 'सोना' चिंता रहित अज्ञान की स्थिति का प्रतीक है और 'जागना' चेतना व जागृत अवस्था का प्रतीक है। 
MAAM CAN U SHORTEN THIS OR GIVE THE ANSWER IN SIMPLE WORDS PLS 
REPLY EARLY

EXAM TOMORROW

मित्र इसे इससे अधिक छोटा नहीं किया जा सकता है। इसमें वैसे ही तीन अलग-अलग प्रश्न पूछे गए हैं। यदि हम इसे और छोटा कर देंगे तो आपके पास परीक्षा में लिखने के लिए कुछ बचेगा ही नहीं। इसमें जितना आवश्यक है, उतना उत्तर लिखकर दिया गया है। साथ ही यह सरल भाषा में लिखा गया है।

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