Mera pyra Bharat Varsh ke upar nibandh ( in Hindi )
भारत, यह मात्र शब्द नहीं है अपितु हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज़ है, हर हिन्दुस्तानी का गौरव है, उसका सम्मान है और सबसे बड़ी बात उसकी पहचान है। हम इस भूमि में पैदा हुए हैं। हमारे लिए यह इतनी महत्त्वपूर्ण है, जितने की हमारे माता-पिता हमारे लिए। भारत एक भू-भाग का नाम नहीं है अपितु उस भू-भाग में बसे लोगों, उनकी संस्कृति, उनकी सभ्यता, उके रीति-रिवाजों, उनके अमूल्य इतिहास का नाम है। उसके भौतिक स्वरूप का नाम भारत है। भारत के भौगोलिक स्वरूप की बात की जाए, तो यह एक विशाल देश है। इसके उत्तर में पर्वत राज हिमालय खड़ा है, तो दूसरी ओर दक्षिण में अथाह समुद्र है। पश्चिम में रेगिस्तान की मरूभूमि है, तो पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। ये सब इसकी स्थिति को मजबूत व प्रभावशाली बनाए हुए हैं। भारत में जगह-जगह पहाड़ी स्थल, जंगल, हरे-भरे मैदान, रमणीय स्थल, सुन्दर समुद्र तट, देवालय आदि उसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। जहाँ एक ओर स्वर्ग के रूप में कश्मीर है, तो दूसरी ओर सागर की सुन्दरता लिए दक्षिण भारत। भारत में अनगिनत नदियाँ बहती हैं, जो अपने स्वरूप द्वारा इसको दिव्यता प्रदान करती हैं। ये नदियाँ प्रत्येक भारतीय के लिए माँ के समान पूजनीय हैं। संसार की सबसे ऊँची चोटी भी भारत में स्थित है। इन सभी कारणों से यह रमणीय और रोमांचकारी बन जाता है। भारत की सभ्यता समस्त संसार में सबसे प्राचीनतम है। इसकी भूमि ने अनेक सभ्यताओं और संस्कृतियों को जन्म दिया है। इसने एक संस्कृति का पोषण नहीं किया अपितु अनेक संस्कृतियों को अपनी मातृत्व की छाया में पाल-पोसकर महान संस्कृतियों के रूप में उभारा है। इस भारत वर्ष की भूमि ने राजा राम और श्री कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया बल्कि महात्मा गाँधी, लाल बहादुर शास्त्री, भगत सिंह, पृथ्वीराज चौहान जैसे महापुरुषों को भी जन्म दिया है। यह मेरा प्यारा भारतवर्ष है, जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम ही है।