Murtikaar ke prayas ko sarahaniye or safal kyu kaha gaya

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
मूर्तिकार के प्रयास को सफल और सराहनीय कहा गया क्योंकि उसने नेताजी की जो मूर्ति बनाई वह बहुत ही सुंदर और अच्छी थी। कम समय में इस प्रकार की मूर्ति बनाना संभव नहीं था मगर उसने कर दिखाया। उस मूर्ति को देखकर नेताजी की सूरत आँखों के आगे नाच गई।

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