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प्रिय विद्यार्थी,

आपके प्रश्न का उत्तर कुछ इस प्रकार है । 
कोरोना  एक वैश्विक महामारी के रूप में हमारे जीवन में अनेक बदलाव ला चुका है । हमारे जीवन के साथ-साथ पर्यावरण और प्रकृति पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है । तत्कालीन समय में पर्यावरण अपने स्वरूप में निरंतर बदलाव ला रहा है । चूँकि कोरोना काल में अकस्मात सब कुछ बंद हो जाने से पर्यावरण और मनुष्य के संतुलन में अस्थिरता आ गई है । इसके परिणाम स्वरूप कभी अधिक गर्मी और कभी बहुत अधिक वर्षा की मुसीबत से हम लगातार जूझ रहे हैं । और जब तक यह सब कुछ संतुलित नहीं हो जाता , तब तक हम और हमारा जीवन भी संतुलित नहीं होगा । प्रकृति और पर्यावरण का असंतुलित होना सदा हमारे लिए नुकसानदेह साबित होगा । 

आभार ।   

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