please explain akshro ka mahatatav
it is not there in study material
प्रिय छात्र,
आपके प्रश्न का उत्तर नीचे दिया गया है।
प्रागैतिहासिक मानव ने सबसे पहले चित्रों के जरिए अपने भाव को व्यक्त किया। जैसे, पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। इन चित्र-संकेतों के बाद में, भाव-संकेत अस्तित्व में आए। तब जाकर काफी बाद में आदमी ने अक्षरों की खोज की। अक्षरों के ज्ञान से पूर्व मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुँचाने के लिए पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र बनाकर भाव संकेत का सहारा लेता था। अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई क्योंकि आदमी अक्षरों की खोज से हम इतिहास को जान पाए। अक्षरों की खोज के बाद ही मनुष्य अपने विचारों को लिखकर रखने लगा। इस प्रकार, पीढ़ी के ज्ञान का इस्तेमाल दूसरी पीढ़ी करने लगी। अक्षरों की खोज मनुष्य को प्रगति के पथ पर ले गई।
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प्रागैतिहासिक मानव ने सबसे पहले चित्रों के जरिए अपने भाव को व्यक्त किया। जैसे, पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। इन चित्र-संकेतों के बाद में, भाव-संकेत अस्तित्व में आए। तब जाकर काफी बाद में आदमी ने अक्षरों की खोज की। अक्षरों के ज्ञान से पूर्व मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुँचाने के लिए पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र बनाकर भाव संकेत का सहारा लेता था। अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई क्योंकि आदमी अक्षरों की खोज से हम इतिहास को जान पाए। अक्षरों की खोज के बाद ही मनुष्य अपने विचारों को लिखकर रखने लगा। इस प्रकार, पीढ़ी के ज्ञान का इस्तेमाल दूसरी पीढ़ी करने लगी। अक्षरों की खोज मनुष्य को प्रगति के पथ पर ले गई।