Please give the answer of the following in hindi

प्रिय विद्यार्थी ,

पिछले थ्रेड में हमने ऊपर के तीन दोहों का अर्थ आपको बता दिया था । बाकी के दो दोहों का अर्थ हम आपको इस थ्रेड में लिख कर देते हैं ।

ये रहीम निज संग लै , जन्मत जगत न कोय।
वैर प्रीति अभ्यास जस , होत-होत ही होय ।।

प्रस्तुत दोहा रहीम का है । रहीम कहते हैं कि इस दुनिया में कोई भी जन्म से बैर और प्रीति ,अर्थात प्यार और नफरत  , सीख कर नहीं आता है । ये दोनों ऐसी चीजें हैं जो अभ्यास से ही होती है । अर्थात हम जैसा अनुभव करते हैं , उसी हिसाब से हमें प्यार और नफरत का पता चल पाता है ।

रहिमन पानी राखिए , बिन पानी सब सून ।
पानी गए न ऊबरै , मोती मानुष चून ।।

प्रस्तुत दोहा रहीम का है । इसमें रहीम पानी के अलग-अलग अर्थों द्वारा पानी के महत्व को बताया है । मोती के लिए पानी का अर्थ चमक से है , मनुष्य के लिए पानी का अर्थ विनम्रता से है और आटे के लिए पानी का अर्थ इस संसार के अस्तित्व से है । जिस प्रकार मोती अपनी चमक के बिना और यह संसार आटे के बिना कुछ नहीं है , उसी प्रकार मनुष्य अपनी विनम्रता के बिना कुछ भी नहीं है ।

आभार ।
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