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प्रिय विद्यार्थी ,
आपके प्रश्न का उत्तर है -
स्वतंत्रता भली या परतंत्रता पर दस बिन्दु
1. स्वतंत्रता हर मामले में परतंत्रता से अच्छी होती है ।
2. स्वतंत्रता का अर्थ होता है अपने अनुसार अपना जीवन बिताना लेकिन परतंत्रता का अर्थ होता है दूसरों के अनुसार अपना जीवन बिताना ।
3. एक स्वतंत्र व्यक्ति के पास उसके सारे अधिकार होते हैं लेकिन जो व्यक्ति परतंत्र होता है , उसे कोई अधिकार नहीं होता है ।
4. जो परतंत्र होते हैं उनका जीवन भी किसी मृत व्यक्ति के समान होता है , वे हमेशा दूसरों की गुलामी में रहते हैं ।
5. स्वतंत्रता का अधिकार सबको होना चाहिए और यह सभी के लिए आवश्यक भी है ।
6. परतंत्र व्यक्ति का जीवन एक कठपुतली के समान होता है , उसे दूसरों के इशारे पर नाचना पड़ता है ।
7. इस संसार का कोई भी प्राणी स्वतंत्र ही जीना चाहता है , चाहे वह पशु-पक्षी हो या मनुष्य ।
इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि स्वतंत्रता सभी मायनों में परतंत्रता से बेहतर है और आवश्यक भी है । जैसा कि हम कठपुतली पाठ में भी देखते हैं कि कठपुतलियाँ भी किसी के अधीन नहीं रहना चाहती हैं , वे भी स्वतंत्र जीवन चाहती हैं । और यह बात सभी प्राणियों पर लागू होती है , सब स्वतंत्र रहना चाहते हैं । यह कहने में कोई दो मत नहीं है कि स्वतंत्रता का अर्थ ही जीवन है और परतंत्रता का अर्थ मृत्यु या उससे भी बुरा जीवन ।
आभार ।
आपके प्रश्न का उत्तर है -
स्वतंत्रता भली या परतंत्रता पर दस बिन्दु
1. स्वतंत्रता हर मामले में परतंत्रता से अच्छी होती है ।
2. स्वतंत्रता का अर्थ होता है अपने अनुसार अपना जीवन बिताना लेकिन परतंत्रता का अर्थ होता है दूसरों के अनुसार अपना जीवन बिताना ।
3. एक स्वतंत्र व्यक्ति के पास उसके सारे अधिकार होते हैं लेकिन जो व्यक्ति परतंत्र होता है , उसे कोई अधिकार नहीं होता है ।
4. जो परतंत्र होते हैं उनका जीवन भी किसी मृत व्यक्ति के समान होता है , वे हमेशा दूसरों की गुलामी में रहते हैं ।
5. स्वतंत्रता का अधिकार सबको होना चाहिए और यह सभी के लिए आवश्यक भी है ।
6. परतंत्र व्यक्ति का जीवन एक कठपुतली के समान होता है , उसे दूसरों के इशारे पर नाचना पड़ता है ।
7. इस संसार का कोई भी प्राणी स्वतंत्र ही जीना चाहता है , चाहे वह पशु-पक्षी हो या मनुष्य ।
इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि स्वतंत्रता सभी मायनों में परतंत्रता से बेहतर है और आवश्यक भी है । जैसा कि हम कठपुतली पाठ में भी देखते हैं कि कठपुतलियाँ भी किसी के अधीन नहीं रहना चाहती हैं , वे भी स्वतंत्र जीवन चाहती हैं । और यह बात सभी प्राणियों पर लागू होती है , सब स्वतंत्र रहना चाहते हैं । यह कहने में कोई दो मत नहीं है कि स्वतंत्रता का अर्थ ही जीवन है और परतंत्रता का अर्थ मृत्यु या उससे भी बुरा जीवन ।
आभार ।