Pls provide ans fasstttt.( Sahitya sagar - ch mahayagya ka puraskar by yaspal)

उत्तर :- 

(ग) सेठ को यज्ञ बेचने की जरूरत आ पड़ी थी, क्योंकि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही बिगड़ गई थी, भूखों मरने की नौबत आ गई थी ।
सेठ अत्यंत उदार और विनम्र स्वभाव का व्यक्ति था । उसने कई सारे यज्ञ किये थे और अनेक दिन-दुखियों को दान दिया था । वह बहुत ही परोपकारी था, कोई भी उसके द्वार से खाली हाथ और भूखे पेट नहीं लौटता था । 

(घ) सेठानी के कहने पर सेठ को कुंदनपुर जाना पड़ा, क्योंकि वे धन्ना सेठ को अपना यज्ञ बेचना चाहते थे । 
रास्ते में जब सेठजी भोजन और विश्राम के लिए रुके, तो वहीं पर एक कुत्ता भूख से तड़प रहा था । चूँकि सेठ जी दयालु थे, तो इनके हृदय में उस कुत्ते के प्रति दया का भाव आ गया और उसके फलस्वरूप उन्होंने अपने हिस्से की एक रोटी कुत्ते को दे दी । एक रोटी खाने के बाद कुत्ते की हालत में कुछ सुधार आया, लेकिन वह अभी भी भूखा ही प्रतीत हो रहा था । ऐसे ही करके सेठ जी ने उसे चारों रोटियाँ खिला दीं और खुद पानी पीकर रह गए । 

इस आधार पर आप अपने उत्तर को लिख सकते हैं । 
 

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