Plzz give the summary of this poem i.e its first and second paragraph......plzz.it's urgent..

मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है-
 
भोर हुई और प्रात:काल का समय है सूरज की किरणें चारों और फ़ैल रही हैं। पंछी चहचहा रहे हैं। झरनों से झर झर की मधुर आवाज़ आ रही है। पूरब दिशा से सूरज उदय हो रहा है। ऐसा लग रहा है मानो आकाश रूपी जलाशय में लाल गुलाब खिला है। धीरे-धीरे उजाला फ़ैल रहा है और अँधेरा अर्थात रात जा रही रही है।  

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