Poem- Megh aaye by Sarvesh dayal saxena
उत्तर :-
यहाँ पर बारिश के पहले चलने वाली हवा की बात की जा रही है । वर्षा होने के ठीक पहले ठंडी हवा चलती है, उसे कवि ने इस रूप में चित्रित किया है कि चलती हवा मेघ के आने की सूचना दे रही है । यह ठीक उसी प्रकार है, जिस प्रकार शहर से आये हुए मेहमान के आने की खबर पूरे गाँव में फैल जाती है । यहाँ पर मानवीकरण अलंकार का अद्भुत प्रयोग देखने को मिलता है ।
यहाँ पर बारिश के पहले चलने वाली हवा की बात की जा रही है । वर्षा होने के ठीक पहले ठंडी हवा चलती है, उसे कवि ने इस रूप में चित्रित किया है कि चलती हवा मेघ के आने की सूचना दे रही है । यह ठीक उसी प्रकार है, जिस प्रकार शहर से आये हुए मेहमान के आने की खबर पूरे गाँव में फैल जाती है । यहाँ पर मानवीकरण अलंकार का अद्भुत प्रयोग देखने को मिलता है ।