RAS kya hota hai?
मित्र तरह-तरह का भोजन खाने पर हमें अनेक रसों का अनुभव होता है अर्थात अलग-अलग स्वाद का पता चलता है। उसी प्रकार किसी भी कविता या काव्य को पढ़ने के बाद जिस आनन्द की प्राप्ति होती है, उसे रस कहते हैं। हिन्दी साहित्य में रस ग्यारह प्रकार के होते हैं। इनके नाम हैं- श्रृंगार रस, हास्य रस, करुण रस, रौद्र रस, वीर रस, भयानक रस, वीभत्स रस, अद्भुत रस, शांत रस, वात्सल्य रस तथा भक्ति रस।