Sahitya sagar ( poem - megh aaye by sarvesh dayal saxena)
उत्तर :-
इस कविता में मेघ को एक नायक के रूप में चित्रित किया गया है । किसी मेहमान के गाँव आने से और मेघ के आसमान में आने से जो भी चीजें घटित होती हैं, उन्हीं का चित्रण कविता में भी विभिन्न प्रतीकों के माध्यम से दिखता है ।
पाहुन के संदर्भ दामिनी को एक नायिका के रूप में दिखाया गया है । जिस प्रकार नायिका अपने नायक के आने की प्रतीक्षा करती है, उसी प्रकार बिजली भी मेघों के आगमन की प्रतीक्षा करती है ।
बिजली के चमकने के बाद बारिश आरम्भ हो जाती है । और ऐसा प्रतीत होता है कि दो वियोगी एकदूसरे से मिल रहे हो । और इसके पश्चात चारों ओर हरियाली और खुशियाँ छा जाती हैं ।
इस कविता में मेघ को एक नायक के रूप में चित्रित किया गया है । किसी मेहमान के गाँव आने से और मेघ के आसमान में आने से जो भी चीजें घटित होती हैं, उन्हीं का चित्रण कविता में भी विभिन्न प्रतीकों के माध्यम से दिखता है ।
पाहुन के संदर्भ दामिनी को एक नायिका के रूप में दिखाया गया है । जिस प्रकार नायिका अपने नायक के आने की प्रतीक्षा करती है, उसी प्रकार बिजली भी मेघों के आगमन की प्रतीक्षा करती है ।
बिजली के चमकने के बाद बारिश आरम्भ हो जाती है । और ऐसा प्रतीत होता है कि दो वियोगी एकदूसरे से मिल रहे हो । और इसके पश्चात चारों ओर हरियाली और खुशियाँ छा जाती हैं ।