thoda ke pahle ke Aakhiri Gaon pahunchne per bheekh Mange ke Veshya hone ke bavjud lekhak kothare Ne Chali uchit asthan Neela jabki dusri Yatra ke Samay bahut darvesh bhi unhen uchit Sthan Nahin Dila Sarkar kyon

उत्तर :- 

पहली बार जब लेखक आखिरी गाँव में पहुँचे, तब सुमति की यहाँ जान-पहचान होने के कारण भिखमंगों के वेश में होने के बावजूद भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली थी । 
जबकि दूसरी बार भद्र लोगों के वेश में होने के बावजूद भी जानकारी और परिचय ना होने के कारण उन्हें ठहरने को अच्छा स्थान नहीं मिला । इसके अतिरिक्त यह भी हो सकता है कि बदलते समय के साथ लोगों की मनोवृत्ति में भी बदलाव आ गया हो । 
 

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