what are 'saral vakya' , 'mishrit vakya' and 'sanyukt vakya' (hindi)? please explain..
Hi!
हम लिखते वक्त अपनी बातों को वाक्यों के रूप में लिखते हैं। वाक्य कोई छोटे होते हैं, कोई बड़े होते हैं, कोई आपस में एक दूसरे पर निर्भर।
वाक्यों के कई प्रकार होते हैं लेकिन रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं; जैसे-
1. सरल वाक्य इस नाम को पढ़ते ही इस बात का पता चलता है की यह कैसा वाक्य होगा। सरल अर्थात आसान वाक्य। इस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय भी हो सकता है। इस वाक्य में क्रिया एक ही होती है। जब हम छोटे-छोटे वाक्य लिखते हैं तो वह सरल वाक्य कहलाते हैं; जैसे-
माँ कहती है।
राम ने कुत्ते को मारा।
दुकानदार ने व्यक्ति को चीनी दी।
2. संयुक्त वाक्य- संयुक्त से पता चलता है कि इसमें दो वाक्य आपस में जुड़े हुए होते हैं। वह समानता के आधार पर आपस में जुड़े होते हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि यह आपस में समानाधिकरण समुच्चबोधक (और, परंतु, किंतु, एवं, लेकिन, वरना, बल्कि, या अत: आदि) से आपस में जुड़े होते हैं; जैसे-
कविता ने खाना खाया और श्यामा ने टी.वी. देखा।
3. मिश्रित वाक्य- मिश्रित का अर्थ है मिलाना अर्थात एक मुख्य वाक्य के साथ दूसरा वाक्य जो उस वाक्य पर निर्भर (आश्रित) होता मिला दिया जाता है। व्याकरण की भाषा में कहे तो इसमें एक मुख्य उपवाक्य होता जिस पर दूसरा आश्रित उपवाक्य होता है, वह मिश्रित वाक्य कहलाता है। इसकी विशेषता यह होती है की यह व्याधिकरण समुच्चबोधकों (क्योंकि, यदि, इसलिए, यदि, यद्यपि, तथापि, जिससे, मानो ताकि, यदि-तो, जैसे-वैसे, जब-तब आदि) से जुड़ा होता है; जैसे-
यदि तुम जल्दी नहीं आए तो मैं खाना नहीं खाऊँगा।
मैं आशा करती हूँ कि आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
ढेरों शुभकामनाएँ !