what is the difference between duikarmak and apoorn sakarmac kriya
द्विकर्मक − इन पूर्ण सकर्मक क्रियाओं में दो कर्म होते हैं; जैसे − भेजना लेना देना खरीदना आदि इसमें 'किसे' और 'किसको' के उत्तर होते हैं;
जैसे -
1. मैंने शीला को किताब दी।
2. मैंने माँ को पत्र लिखा।
3. उसने रामलाल से मकान खरीदा।
अपूर्ण सकर्मक क्रिया −इन क्रियाओं में कर्म होने पर भी अर्थ पूरी तरह व्यक्त नहीं होता है। इसमें कर्म से संबंधित कर्म पूरक का सहारा लेती है; जैसे - मानना, चुनना, बनाना आदि।
उदाहरण -
1. | वह | गीता | को | पागल | समझता | है। |
कर्म | पूरक | |||||
2.
वह
अपने
को
अध्यापिका
कहती
है।
कर्म
पूरक
3.
उसने
तुम्हें
ही
जज
क्यों
बनाया।
कर्म
पूरक