शाश्वत मूल्यों में शामिल हैं –
(a) नैतिकता, सौंदर्यबोध और अध्यात्म
(b) नैतिकता, सौंदर्यबोध और आधुनिकता
(c) नैतिकता, अध्यात्म और आधुनिकता
(d) सौंदर्यबोध, अध्यात्म और आधुनिकता
बहुत से विद्वानों और चिंतकों ने इस बात को लेकर चिंता प्रकट की है कि भारतीय समाज आधुनिकता से बहुत दूर है और भारत के लोग अपने आप को आधुनिक बनाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं।
नैतिकता, सौंन्दर्यबोध और अध्यात्म के समान आधुनिकता कोई शाश्वत मूल्य नहीं है। वह कई चीजों का एक सम्मिलित नाम है। औद्योगीकरण आधुनिकता की पहचान है। साक्षरता का सर्वव्यापी प्रसार आधुनिकता की सूचना देता है। नगर-सभ्यता का प्राधान्य आधुनिकता का गुण है। सीधी-सादी अर्थव्यवस्था मध्यकालीनता का लक्षण है। आधुनिक देश वह है, जिसकी अर्थव्यवस्था जटिल और प्रसरणशील हो और जो ‘टेक-ऑफ’ की स्थिति को पार कर चुकी हो।
आधुनिक समाज मुक्त और मद्यकालीन समाज बंद होता है। बंद समाज वह है जो अन्य समाजों से प्रभाव ग्रहण नहीं करता, जो अपने सदस्यों को भी धन या संस्कृति की दीर्घा में पर उठने की खुली छूट नदीं देता, जो जाति-प्रथा और गोत्रवाद से पीड़ीत है, जो अंधविश्वासी, गतानुगतिक और संकीर्ण है।
आधुनिक समाज में उन्मुक्ता होती है। उस समाज के लोग अन्य समाजों के लोगों से मिलने-जुलने में नहीं घबराते, न वे उन्नति का मार्ग खास जातियों और खास गोत्रों के लिए सीमित रखते हैं। आधुनिक समाज सामरिक दृष्टि से बी बलवान समाज होता है। जो देश अपनी रक्षा के लिए भी लड़ने में असमर्थ है, उसे आधुनिक कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। आधुनिक समाज के लोग आलसी और निकम्मे नहीं होते। आधुनिक समाज का एक लक्षण यह बी है कि उसकी हर आदमी के पीछे होने वाली आय अधिक होती है, उसके हर आदमी के पास कोई धंधा या काम होता है और अवकाश की शिकायत प्रायः हर एक को रहती है।
आधुनिक समाज की विशिष्टताओं में शामिल है –
(क) उन्मुक्तता
(ख) सामरिक बल
(ग) आलस्य
उपरोक्त विकल्पों के आधार पर निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन कीजिए:
(a) (क), (ख) और (ग) तीनों
(b) (क) और (ग)
(c) (ख) और (ग)
(d) (ख) और (क)
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