Ch- bade ghar ki beti by premchand ( sahitya sagar)

उत्तर- बङे घर की बेटी पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें छोटी-छोटी बातों का बतंगड़ ना बनाते हुए उन्हें आराम से बैठकर सुलझा लेना चाहिए इससे परिवार में शांति भी बनी रहेगी तथा लोगों में प्रेम भी बना रहेगा।


2- इस इस पाठ का शीर्षक बिल्कुल सार्थक सिद्ध होता है क्योंकि बड़े घर की बेटी के कहानी का मुख्य कारण आनंदी के चारों ओर घूमता है वह अपनी सूझबूझ और चतुराई से दोनों भाई में प्रेम वापस  जागृत करती है इससे यह पता चलता है की आनंदी में संस्कारों की कोई कमी नहीं तथा वह बड़ी बेटी होने के कारण सारी चीजें समझती है और उन्हें सुलझाने व समझाने में विश्वास रखती है।
 

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