Easy examples of all the 11 types of ras
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
रस, लेखन या काव्य की आत्मा होती है। रस निचोड़ होता है, इसका स्वाद इस लोक का नहीं होकर अलौकिक होता है। रस नौ प्रकार के होते हैं। वात्सल्य रस तथा भक्ति रस को दसवाँ एवं ग्यारहवाँ रस माना जाता है। काव्य के अनुसार रस का उपयोग होता है। लेख/कविता/दोहे में जिस भाव की अधिकता हो, पढ़ने के बाद जिस भाव की अनुभूति हो वही रस है-
रस एवं उसे स्थाई भाव
श्रृंगार रस - रति/प्रेम - निसिदिन बरसत नयन हमारे
हास्य रस - हास्य - नेता अखरोट से बोले किसमिस लाल, हुज़ूर हल कीजिये मेरा एक सवाल
करुण रस - शोक - मेरे हृदय के हर्ष हा, अभिमन्यु अब तू है कहाँ
वीर रस - उत्साह - खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी।
रौद्र रस - क्रोध - अस कहि रघुपति चाप चढ़ावा
इनके उदाहरण आप हमारी वेबसाइट से देख सकते हैं।
भयानक रस - भय -
वीभत्स रस - जुगुप्सा/घृणा -
अद्भुत रस - विस्मय/आश्चर्य -
शांत रस - वैराग्य
वात्सल्य रस- वात्सल्य
भक्ति रस - भगवद् विषयक