jaal pare jal jaat bahi, taji meenan ko moh
raheeman macchri neer ko, tyo na chaarti chhoha
MEANING OF THIS DOHA
इसका तात्पर्य है कि तालाब/नदी/सागर में जाल फेंकने पर जल तो मछली को छोड़कर बाहर निकल जाता है परन्तु मछली जल का मोह ना छोड़ते हुए, उसके प्रेम में अपने प्राण को त्याग देती है।