‘जबकि इस नियामत से ज़िंदगी को खुशियों के इन्द्रधनुषी रंगों से हरा-भरा जा सकता है।’ – तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?
दृष्टि हमारे शरीर का कोई साधारण अंग नहीं है बल्कि यह तो ईश्वर प्रदत्त नियामत है। इसके जरिए हम प्रकृति निर्मित और मानव निर्मित हर एक वस्तु का आनंद उठा सकते हैं। ईश्वर के इस अनमोल तोहफ़े से हम अपना जीवन खुशियों से भर सकते हैं। अत: हमें ईश्वर का शुक्रगुजार होते हुए इसकी कद्र भी करनी चाहिए।