then shlesh and yamak alankar should have been in arthaalankarand why

मित्र आपके इस प्रश्न का उत्तर हम पहले भी दे चुके हैं। यमक और श्लेष अलंकार शब्दालंकार है। ये दोनों दोनों अर्थालंकार नहीं। अर्थालंकार में वही अलंकार आते हैं, जिनमें अर्थ के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न होता है। ये दोनों चूंकि शब्दों के माध्यम से काव्य चमत्कार उत्पन्न करते हैं इसलिए शब्दालंकार की श्रेणी में आते हैं। यदि आपकी शंका का निवारण न हुआ हो, तो अपनी अध्यापिका से इस विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

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