vismayadhik bodhak kya hai?

विस्मयादि बोधक अव्यय वे रुप हैं; जो शोक, घृणा, आश्चर्य, हर्ष आदि भावों को प्रकट करने के लिए अचानक ही मुँह से निकल जाते हैं, परन्तु इनका वाक्य के अन्य शब्दों से कोई सम्बन्ध नहीं बनता।

हमेशा ये शब्द किसी भी वाक्य के आरंभ में प्रयोग में आते हैं; जैसे - आह!, हाय!, बाप रे!, अरे!, छी!, शाबाश! इत्यादि।

उदाहरण -

(1) वाह! अति सुन्दर है।

(2) अरे! तुम यहाँ कैसे?

(3) छी:-छी:! कितना गन्दा है।

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