बिनु गोपाल बैरिन भई कुंजैं। तब ये लता लगति अति सीतल¸ अब भई विषम ज्वाल की पुंजैं। बृथा बहति जमुना¸ खग बोलत¸ बृथा कमल फूलैं अलि गुंजैं। Which RAS

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